रामेश्वरम मंदिर – राम की भक्ति में रचा-बसा शिव का दिव्य धाम

रामेश्वरम मंदिर, जिसे रामनाथस्वामी मंदिर भी कहा जाता है, भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिंदू धर्म के चार धामों में से एक भी माना जाता है। यह वही पावन स्थान है जहाँ भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई से पहले भगवान शिव की पूजा की थी।

Oct 15, 2025 - 12:20
Oct 16, 2025 - 16:55
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रामेश्वरम मंदिर – राम की भक्ति में रचा-बसा शिव का दिव्य धाम

रामेश्वरम मंदिर का इतिहास

पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान राम लंका पर आक्रमण करने जा रहे थे, उन्होंने इस स्थान पर शिवलिंग स्थापित कर पूजा की। उन्होंने लंका युद्ध से पहले भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया और अपने पापों से मुक्ति मांगी।

इस मंदिर में स्थित शिवलिंग को रामलिंगम कहा जाता है, जिसे माता सीता ने समुद्र तट की रेत से बनाया था। इसके अतिरिक्त एक दूसरा शिवलिंग, विश्वलिंगम, भी मंदिर में स्थित है, जिसे लंका से लाए गए लिंग के रूप में पूजा जाता है।

इतिहासकारों के अनुसार, वर्तमान मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में पांड्य और नायक राजाओं द्वारा करवाया गया था, और बाद में इसमें कई अन्य राजाओं ने विस्तार कराया।


मंदिर का स्थान और पहुँचने का मार्ग

  • स्थान: रामेश्वरम द्वीप, रामनाथपुरम ज़िला, तमिलनाडु

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: रामेश्वरम जंक्शन

  • निकटतम हवाई अड्डा: मदुरै (170 किमी)

  • सड़क मार्ग: मदुरै, कन्याकुमारी और त्रिची से बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध

रामेश्वरम भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है और रामसेतु (आदम्स ब्रिज) से भी जुड़ा हुआ है, जिसे रामायण काल से जोड़ा जाता है।


मंदिर की विशेषताएं

  • यह मंदिर हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है (बाकी तीन: बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी)

  • 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल

  • विश्व के सबसे लंबे मंदिर कॉरिडोर (मार्ग) में से एक – 1200+ खंभे

  • रामलिंगम और विश्वलिंगम दोनों का दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है

  • मंदिर में 22 कुएं हैं, जिनके जल को पवित्र माना जाता है – श्रद्धालु इनमें स्नान करते हैं


दर्शन का सर्वोत्तम समय

  • नवंबर से मार्च: मौसम सुहावना होता है, यात्रा के लिए उत्तम

  • महाशिवरात्रि: शिव भक्तों के लिए विशेष आयोजन

  • श्रावण माह में भारी संख्या में भक्त दर्शन हेतु आते हैं


यात्रा सुझाव

  • मंदिर में पारंपरिक वस्त्र पहनना अनिवार्य है (पुरुष: धोती, महिलाएं: साड़ी/सलवार)

  • दर्शन से पहले मंदिर के 22 पवित्र कुओं के जल से स्नान की परंपरा है

  • मोबाइल फोन और कैमरे मंदिर परिसर में प्रतिबंधित हैं

  • नजदीकी दर्शनीय स्थल: धनुषकोडी, राम सेतु, लक्ष्मण तीर्थ, पंचमुखी हनुमान मंदिर


रामेश्वरम मंदिर न केवल एक ज्योतिर्लिंग है, बल्कि यह आस्था, परंपरा और भक्ति का एक अद्वितीय संगम भी है। यहाँ आकर श्रद्धालु न केवल भगवान शिव के दर्शन करते हैं, बल्कि भगवान राम की भक्ति, रामायण की स्मृतियाँ और भारत की आध्यात्मिक विरासत को भी महसूस करते हैं।

यह मंदिर जीवन की आध्यात्मिक यात्रा का एक ऐसा पड़ाव है जहाँ मन को शांति और आत्मा को बल मिलता है।

अगर आप कभी दक्षिण भारत की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो रामेश्वरम मंदिर को ज़रूर अपनी सूची में शामिल करें — यह एक ऐसी यात्रा है जो स्मृति और श्रद्धा दोनों में बस जाती है।

"हर हर महादेव!" | "जय श्री राम!"

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