उज्जैन सिंहस्थ 2028: मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्र सरकार घोषणाएँ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ महाकुंभ 2028 की तैयारियों को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। इन घोषणाओं में धार्मिक, सांस्कृतिक और बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए बड़े पैमाने पर योजनाएँ शामिल हैं।

उज्जैन को 'ग्लोबल स्पिरिचुअल सिटी' बनाने की योजना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन को एक 'ग्लोबल स्पिरिचुअल सिटी' के रूप में विकसित करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए हज़ारों एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी, और विकास कार्यों में किसानों की सहमति और हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार के सिंहस्थ में अस्थायी संरचनाओं के बजाय स्थायी निर्माण किए जाएंगे।
₹2,675 करोड़ की विकास योजना
मुख्यमंत्री ने ₹2,675 करोड़ की लागत से 33 प्रमुख विकास परियोजनाओं की घोषणा की। इन परियोजनाओं में प्रमुख हैं:
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30 किलोमीटर नए घाटों का निर्माण: शिप्रा नदी के किनारे नए घाटों का निर्माण किया जाएगा, जिससे लगभग 5 करोड़ श्रद्धालु 24 घंटे में स्नान कर सकेंगे।
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चार नए पुलों का निर्माण: शिप्रा नदी पर चार नए पुलों का निर्माण किया जाएगा, जिनकी कुल लागत ₹77 करोड़ है।
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महाकाल मंदिर, काल भैरव और गढ़कालिका मंदिरों का विस्तार: इन प्रमुख मंदिरों का विस्तार किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी।
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मेट्रो ट्रेन योजना: उज्जैन शहर में मेट्रो ट्रेन की योजना बनाई गई है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।
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नया सात मंजिला कलेक्टर कार्यालय भवन: ₹134.97 करोड़ की लागत से नया कलेक्टर कार्यालय भवन बनाया जाएगा।
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नए आवासीय परिसर का निर्माण: EFGH और I-टाइप आवासीय परिसर का निर्माण ₹32.05 करोड़ की लागत से किया जाएगा।
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नए पुलों का निर्माण: कृष्ण चौक से शंकराचार्य चौक रोड तक ₹27.06 करोड़ की लागत से नया पुल और लालपुल के पास रेलवे ब्रिज के समानांतर ₹17.69 करोड़ की लागत से नया चार-लेन पुल बनाया जाएगा।
रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण
उज्जैन में चार प्रमुख रेलवे स्टेशनों - न्यू खेड़ी, पिंगलेश्वर, चिंतामण और विक्रम नगर - का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इन स्टेशनों में चेहरे की पहचान सॉफ़्टवेयर, उच्च-परिभाषा CCTV कैमरे, ड्रोन द्वारा हवाई निगरानी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित निगरानी प्रणाली और केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष जैसी सुविधाएँ स्थापित की जाएँगी।
सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन
सिंहस्थ महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए जाएँगे। सभी घाटों, मंदिर मार्गों और धर्मशालाओं की निगरानी के लिए CCTV नेटवर्क और ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाएगा।
शिप्रा नदी की सफाई और संरक्षण
मुख्यमंत्री ने शिप्रा नदी की सफाई और उसके प्रवाह को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालु शिप्रा नदी में स्नान करेंगे, और इसके लिए नदी की स्वच्छता और संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
समग्र विकास और समन्वय
मुख्यमंत्री ने उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, भोपाल और पूरे मालवा क्षेत्र को सिंहस्थ योजना क्षेत्र में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि सभी विकास कार्य संतों की इच्छाओं के अनुसार, भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किए जाएँगे।
इन घोषणाओं से स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश सरकार सिंहस्थ महाकुंभ 2028 को एक भव्य और सुव्यवस्थित आयोजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से उज्जैन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान बनेगा, बल्कि एक आधुनिक और विकसित शहर के रूप में भी उभरेगा।
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