हरिद्वार : गंगा आरती, हर की पौड़ी, इतिहास और प्रमुख दर्शनीय स्थल

हरिद्वार यात्रा गाइड में जानें हर की पौड़ी, गंगा आरती, मनसा देवी, चंडी देवी मंदिर, कुंभ मेला, गंगा स्नान और हरिद्वार के प्रमुख पर्यटन स्थल की विस्तृत जानकारी।

Oct 17, 2025 - 10:02
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हरिद्वार : गंगा आरती, हर की पौड़ी, इतिहास और प्रमुख दर्शनीय स्थल

Introduction (परिचय) — हरिद्वार: मोक्ष का द्वार

हरिद्वार (Haridwar), जिसका अर्थ है “हरि का द्वार” या “भगवान का द्वार”, भारत का एक ऐसा पवित्र नगर है जहाँ गंगा नदी हिमालय की गोद से उतरकर मैदानों में प्रवेश करती है। यह स्थान सप्तपुरी (Sapta Puri) में से एक है — उन सात पवित्र नगरों में से जो मोक्ष प्रदान करते हैं।

हरिद्वार का नाम मात्र सुनते ही मन में गंगा आरती, दीपों की लौ, मंत्रों की गूंज और आध्यात्मिक शांति की अनुभूति होती है। यह नगर न केवल तीर्थयात्रियों का, बल्कि उन सभी का स्वागत करता है जो आत्मिक शांति और दिव्यता की खोज में हैं।


History & Mythology (इतिहास और पौराणिक कथा)

हरिद्वार का उल्लेख स्कंद पुराण, महाभारत, और रामायण में मिलता है।
किंवदंती के अनुसार, जब देवताओं और दैत्यों ने समुद्र मंथन किया था, तब अमृत कलश से कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिरीं — और उनमें से एक हरिद्वार में। इसीलिए यहाँ हर 12 वर्ष में कुंभ मेला आयोजित होता है।

यह नगर “मुक्ति का प्रवेश द्वार (Gateway to Salvation)” माना गया है।
कहा जाता है कि भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों का आशीर्वाद यहाँ विद्यमान है।


Major Temples & Pilgrimage Sites (प्रमुख मंदिर और तीर्थस्थल)

1. Har Ki Pauri (हर की पौड़ी)

हरिद्वार का सबसे पवित्र और प्रतीक स्थल। कहा जाता है कि यहाँ भगवान विष्णु के चरण चिन्ह आज भी पत्थर पर अंकित हैं।
शाम की गंगा आरती (Ganga Aarti) यहाँ का सबसे भव्य अनुभव है, जिसमें हजारों दीपक जलाकर गंगा मैया की आराधना की जाती है।

  • मुख्य आकर्षण: दीपदान, आरती, स्नान

  • समय: प्रातः 5:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक


2. Mansa Devi Temple (मनसा देवी मंदिर)

शिवालिक पर्वत की बिल्व पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर देवी मनसा माता को समर्पित है, जो भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करती हैं।
यहाँ तक पहुँचने के लिए रोपवे (Cable Car) की सुविधा है।

  • विश्वास: सच्चे मन से माँगी गई इच्छा यहाँ अवश्य पूर्ण होती है।

  • सुझाव: मंदिर के बाहर पंडितों से सावधानीपूर्वक व्यवहार करें।


3. Chandi Devi Temple (चंडी देवी मंदिर)

यह मंदिर नील पर्वत पर स्थित है और देवी चंडी को समर्पित है। माना जाता है कि देवी ने यहाँ राक्षस चंड-मुंड का वध किया था।

  • पहुँच: रोपवे और ट्रेक दोनों से

  • समय: सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक

  • त्योहार: नवरात्रि में यहाँ विशेष पूजा होती है।


4. Daksha Mahadev Temple (दक्ष महादेव मंदिर)

यह मंदिर हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में स्थित है। यहाँ राजा दक्ष प्रजापति ने यज्ञ किया था, जिसमें उनकी पुत्री सती ने स्वयं का बलिदान किया।
यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र स्थान है।


5. Maya Devi Temple (माया देवी मंदिर)

यह मंदिर हरिद्वार का शक्ति पीठ (Shakti Peeth) है, जहाँ माता सती के हृदय का पतन हुआ था। यह हरिद्वार के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।


Ganga Aarti & Rituals (गंगा आरती और पूजा-विधि)

हर की पौड़ी की गंगा आरती हर शाम को सूर्यास्त के समय होती है।
पुजारी दीपक और शंख लेकर गंगा मैया की आरती करते हैं। चारों ओर जलते दीपक, गूंजते मंत्र और श्रद्धालुओं का भावमय वातावरण आत्मा को स्पर्श करता है।

आरती के बाद गंगा में दीप प्रवाहित करना शुभ माना जाता है।
कई भक्त गंगा स्नान सूर्योदय के समय करते हैं, जिससे पापों का नाश होता है।


Festivals & Fairs (प्रमुख त्यौहार और मेले)

  1. Kumbh Mela (कुंभ मेला):
    हर 12 वर्ष में आयोजित विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन। लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए यहाँ आते हैं।
    ???? अगला कुंभ मेला 2027 में प्रस्तावित है।

  2. Ardh Kumbh (अर्ध कुंभ):
    हर 6 साल बाद आयोजित होता है।

  3. Kanwar Yatra (कांवड़ यात्रा):
    सावन महीने में शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने नगरों में शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।

  4. Ganga Dussehra & Kartik Purnima:
    गंगा के पृथ्वी पर अवतरण और दीपदान का पर्व हरिद्वार में विशेष रूप से मनाया जाता है।


How to Reach Haridwar (हरिद्वार कैसे पहुँचे)

  • By Air (हवाई मार्ग):
    निकटतम एयरपोर्ट — जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून (35 किमी)

  • By Train (रेल मार्ग):
    हरिद्वार जंक्शन (HW) दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, और जयपुर से जुड़ा हुआ है।

  • By Road (सड़क मार्ग):
    NH-58 द्वारा दिल्ली (230 किमी) और ऋषिकेश (20 किमी) से सीधा संपर्क।


Accommodation & Food (ठहरने और भोजन)

  • धर्मशालाएँ: गीता भवन, आनंदमयी आश्रम, और भरत माता मंदिर ट्रस्ट में सस्ती व स्वच्छ व्यवस्था।

  • होटल: 3-स्टार और बजट होटल हर की पौड़ी और कनखल के पास।

  • भोजन: केवल शुद्ध शाकाहारी — आलू पूरी, कचौड़ी, खीर, माखन मिश्री, और गंगा जल से बने प्रसाद।


Travel Tips (यात्रा सुझाव)

✅ गंगा स्नान के लिए सुबह जल्दी पहुँचें।
✅ मोबाइल और कैमरा घाट पर सीमित उपयोग करें।
✅ आरती के दौरान पंक्तिबद्ध रहें।
✅ कुंभ मेला के समय होटल पहले से बुक करें।
✅ हरिद्वार से ऋषिकेश (20 किमी) अवश्य जाएँ।


Spiritual Significance (आध्यात्मिक महत्व)

हरिद्वार केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि का स्थल है।
कहा गया है —

“हरिद्वारे तु या मृत्यु: स मुक्ति: नात्र संशय:”
अर्थात — हरिद्वार में मृत्यु भी मुक्ति के समान है।

यह नगर विश्वास, आस्था और अध्यात्म का संगम है — जहाँ गंगा के हर कण में दिव्यता प्रवाहित होती है।

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